आजकल की पीढ़ी इंटरनेट के माध्यम से जल्द से जल्द वजन कम करने का इलाज पाना चाहती है इसीलिए वे गूगल पर जाकर वजन कम करने के बहुत से तरीके जैसे, की तेजी से वजन कम करें (lose weight fast), वजन घटाने के लिए डाइट प्लान (diet plan for weight loss), वजन कम करने वाला आहार (weight loss diet), पेट की चर्बी (belly fat), वजन घटाने के लिए 7 दिन का डाइट प्लान (7 day diet plan for weight loss), वजन घटाने वाले खाद्य पदार्थ (weight loss foods), वजन कम करने के लिए सबसे अच्छा व्यायाम (best exercise to lose weight), कीटो फैट बर्नर (keto fat burner), 30 दिनों में वजन कम करें (lose weight in 30 days) ढूंढ़ते है. जबकि उन्हें ये नहीं पता की तरीका चाहे कोई भी हो उसमे निरंतरता (consistency) होना बहुत जरुरी है|
अब प्रश्न है कि वजन कैसे कम करें और कम होने के बाद कैसे कम वजन बनाये रखे? कभी-कभी वजन घटना या घटाना आसान है परन्तु हमेशा कम वजन बनाये रखना बड़ा कठिन देखा गया है। प्राकृतिक चिकित्सा रोगी वजन घटाते हैं परन्तु घर पर जाकर जो घटाया है
वह तो वापस आ जाता ही है, कभी-कभी कुछ और ज्यादा वजन भी बढ़ता देखा गया है। इसलिए कुछ लोग प्राकृतिक चिकित्सा से भी वजन घटाने में निराश हो जाते हैं ऐसा क्यों होता है ? मोटे व्यक्ति में वजन बढ़ने की टेन्डेन्सी (Tendency) होती ही है जो कुछ भी वे खाते हैं,
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उसकी चर्बी बनती। है। प्राकृतिक चिकित्सा में आने से उपवास, रसाहार से शरीर खाली तो होता ही है। थकान भी कम हो जाती है जिससे जीवन-शक्ति बढ़ती है। चूंकि वजन बढ़ने का झुकाव अभी गया नहीं है तो उपवास रसाहार के बाद जो कुछ भी खाया जाता है वह तुरन्त शरीर में जज्ब (Assimilation) हो जाता है और चूंकि शरीर में उपवास से जीवन-शक्ति बढी है सो खाना भी अच्छा लगता है
तो फिर खाने में संयम न रहने से वजन अधिक होना स्वाभाविक है। वजन बढ़ता है तो हिम्मत टूटती है और फिर संयम कब तक रखा जाए ? यह कमजोरी फिर वहीं ले आती है जहां से शुरू हुई थी। यह एक ऐसी रस्साकशी है जो जीवनभर चलती है। पूरा संयम हो नही पाता और जो कभी-कभी होता है वह पर्याप्त नहीं है।
वजन घटाने में एक दूसरी निराशा यह भी आती है कि शुरू-शुरू में तो वजन काफी जाता है जो मात्र पानी है, परन्तु बाद में चूंकि चर्बी गलेगी सो समय लगता है और वजन धीरे-धीरे जाता है। पहले एक या दो दिन में कभी-कभी 3/4 किलो चला जाता है। मैंने एक व्यक्ति का वजन पहले दिन के उपवास में 7 IBS तक जाते देखा है। अधिक वजन वालों का 4 दिन के उपवास में 20 IBS तक भी वजन घटा है।
यह वजन पानी का है। चर्बी का नहीं है। काफी हिसाब लगाने के बाद यह तय पाया है कि चर्बी, मात्र शरीर से एक माह में 4 IBS से ज्यादा किसी भी हालत में नहीं जाती है। जो कुछ अधिक जाता है वह पानी है
पानी की अधिक कमी से कमजोरी आती है सो अधिक उपवास भी संभव नहीं है। इसलिए शुरू के वजन को देखकर, जो ज्यादा जाता है, खुशी व्यक्तियों को नचाता रहता है। यही कारण है कि कुछ लोग एक सप्ताह में या 15 दिन में 4 से 8 किलो वजन घटाने का दावा करते हैं।
जिसमें परहेज भी कुछ खास नहीं होता है। परन्तु 4 / 8 किलो के बाद क्या ? लोग कुछ खिलाकर कुछ भूख मारकर वजन कम करते हैं। कुछ साल पहले लुईस शुरी (शायद यही नाम था) नामक संस्था कुछ पावडर खिलाकर वजन कम कराती थी। पावडर में क्या था, आज तक पता नहीं चला है। इस पावडर से वजन कितना कम होता था वह तो मालूम नहीं, हां कुछ लोगों को स्वास्थ्य काफी बिगड़ा था।
एक स्त्री ने पावडर खाने के बाद काफी तकलीफें सही थी और फिर संस्था पर केस किया था जिसका हर्जाना उसे कुछ लाखो में अदालत ने इस संस्था से दिलाया था। ठीक है पैसा मिला पर जो तकलीफ और शरीर में बिगाड़ हुआ था क्या पैसे से मिल सकता है ? इसलिए मोटापे की कोई औषधि नही है, कोई जादू की छड़ी नहीं है जो घुमाई कि आपका वजन कम हो जाये।
यह तो आपके स्वयं के प्रयत्न से ठीक होगा और फिर कन्ट्रोल में रहेगा। मात्र आपकी समझ और निश्चय (Common sense and will power) ही आपको इस अवस्था से उभार सकते हैं, अन्य कोई दूसरा व्यक्ति नहीं। दूसरे व्यक्ति या संस्था आपको सलाह दे सकते हैं, परन्तु आपको स्वयं प्रयत्न करना होगा।
मोटापा कम करने के उपाय :-
- मन में दृढ़ निश्चय करना कि अब शरीर को स्वस्थ करना है। संयम खासकर खाने में रखना होगा। वजन कम या ज्यादा असंयम का परिणाम है।
- स्वादिष्ट भोजन, नमक, मसाले, तली चीजें, अधिक मिठाइयां छोड़नी होंगी। कुछ समय के लिए पूर्ण रूप से बाद में ठीक होने पर खा सकते हैं।
- चाय, काफी, अफीम, बीडी-सिगरेट का त्याग करें। इन नशीली चीजों से पेट की संवेदनशीलता कम होने से अधिक खाने की टेन्डेंसी बढ़ती है।
- व्यायाम करने की आदत डाले। खुली धूप और हवा में सुबह-शाम व्यायाम करने से शरीर में चुस्ती आती है।
- खानों के बीच में कुछ न खायें। बीच-बीच में खाना खतरनाक होता है।
- सप्ताह में एक दिन या 2 दिन पानी पर उपवास कर सकते हैं। परन्तु यहआहार चालू रखें।
- कच्चा आहार (Raw diet) वजन घटाने में काफी मददगार पाया गया है। कोई भी चीज आग पर पकाये बिना कच्चा आहार (Uncookod) कहलाता है।
- जिन लोगों को कच्चा आहार-रुचिकर न लगे तो फलों के रस और फल खाकर वजन कम करके स्वास्थ्य सुधारा जा सकता है। फलों से अरुचि भी नहीं आती है।
- कभी-कभी मात्र दूध पर रहकर भी वजन कम किया जा सकता है। दूध का प्रोटीन शरीर की चर्बी को हटाने में मदद करता है। जिनके शरीर में पानी अधिक होने से वजन ज्यादा है। उन्हें मात्र दूध पीकर या उपवास – रसाहार करके कम किया जा सकता है।