हार्ट अटैक (दिल का दौरा) एक चिकित्सा आपात स्थिति है और प्राकृतिक कारणों से मौत का सबसे आम कारण है। यहां शीर्ष 5 तरीके हैं जिनसे आप दिल के दौरे को रोक सकते हैं।
आज कल की भागदौड़ भरी जिन्दगी में बीमारियों ने हमे हर तरफ से घेरा हुआ है। उनमे से दिल का दौरा पड़ना आम बात हो गयी है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में हम ज्यादा ध्यान नहीं देते है और हर बार इससे टाल देते हैं। जैसे अगर हमारे सीने में दर्द महसूस करते हैं तो कोई दर्द की दवाई ले लेते है और छोड़ देते हैं।
आज हम इसी बीमारी के बारे में बताने जा रहे है। दिल का दौरा एक बहुत ही भयानक बीमारी है जिसकी वजह से हमारी जान तक चली जाती है।
हार्ट अटैक (दिल का दौरा) होने की वजह छोटी-छोटी बातें भी हो सकती है :-
1. पुरुष में ये बीमारी 45 बर्ष के बाद और महिलाओं में 55 बर्ष के बाद जायदा आती है। उम्र के हिसाब से हमारी प्रतिरोधक क्षमता काम हो जाती है। इस उम्र में आने के बाद हमे अपने शरीर को जायदा ध्यान देना पड़ता है।
2. आज की भागदौड़ जिंदगी में हमारा खान-पान निश्चित नहीं रहता है। अगर शरीर को पूरा पोषण सही से नहीं मिलेगा तो दिक्कत तो आएगी ही। इसलिए हमे अच्छा और पोषण से भरा भोजन करना चाइये।
3. अधिक वजन बढ़ना भी इस बीमारी की वजह हो सकती है।
4. आज के नए ज़माने में नशा करना स्टाइल माना जाता है लेकिन ये सबसे बड़ा कारण है इस बीमारी का। 5. हम इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने मानसिक तनाव से गुजरते हैं जो हमारे दिल को नुकसान पहुंचाता है।
5. हम इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इतने मानसिक तनाव से गुजरते हैं जो हमारे दिल को नुकसान पहुंचाता है।
हार्ट अटैक के लक्षण महिलाओं में निम्न प्रकार के हैं :-
- महिलाओं में चक्कर आना
2. बेचैनी महसूस करना
3. सिर घूमना
4. जी मचलाना
5. उलटी होना
6. पेट खराब होना
7. सांस लेने में परेशानी होना
8. बार बार खांसी का दौरा आना।
9. महिलाओं के सीने में और स्तन मैं दर्द होना।
हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों में निम्न प्रकार के हैं :-
1. जिन्हें खर्राटा जायदा आते हैं।
2. जिनकी नींद किसी भी वजह से पूरी नहीं हो पाती है।
3. टहलने पर पैरों में दर्द होना भी एक तरह का लक्षण मन जाता है।
4. ऊपरी पीठ दर्द होना
5. सीने में जकड़न और बेचैनी
6. चक्कर के साथ पसीना आना
7. नब्ज कमजोर पड़ना
दिल का दौरा ऐसी बीमारी है जिस का बचाव ही उस का इलाज है।अगर किसी भी तरह की परेशानी आपको होती है तो आपको क्या-क्या ध्यान रखना चाहिए:–
1. जल्द से जल्द किसी हार्ट स्पेसलिस्ट से संपर्क करना चाहिए ।
2. नियमित एक्सरसाइज करना शुरू कर दें।
3. अपने खान-पान पे ध्यान दे।
4. बेवजह किसी भी बात का तनाव न लें।
5. आपको अपने मेटाबॉलिज्म और शारीरिक सक्रियता के अनुसार ही कैलोरी लेनी चाहिए
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