भाई दूज को देश के अलग-अलग हिस्सों में कई नाम से जाना जाता है। बंगाल में इस त्योहार को ‘भाईफोटो’ कहा जाता है।महाराष्ट्र में इसे ‘भाऊ बीज’ के नाम से जाना जाता है,तो वहीं मिथिला में इसे ‘यम द्वितीया’ के नाम से भी जानते है।
भाई दूज (भाई-बहन का त्यौहार) आज देशभर में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है। इस मौके पर बहनें अपने भाई के सिर पर तिलक लगाकर लंबी आयु की कामना भगवान यमराज से करती हैं। भाई दूज के दिन यमराज की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जैसा हम लोग जानते हैं यमराज की बहन यमुना जी हैं। भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना जी के घर गए थे और यमुना जी ने यमराज के सिर पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया और उन्हें भोजन कराया। उस समय से यह पर्व मनाया जाता है।
भाई दूज मनाने के कई नियम हैं :-
- इस दिन भाई का मुख उत्तर या उत्तर पश्चिम की दिशा में और बहनें पूर्व या उत्तर पूर्व की दिशा में मुखकर बैठ कर भाई को तिलक लगाना चाहिए |
- इस दिन जब तक भाई के सिर पर जब तक तिलक नहीं लगा देती हैं तब तक बहनों को उपवास रखना चाहिए और अपने भाई की पसंद का भोजन बनाना चाहिए।
- इस दिन भाई को अपनी बहन से किसी भी तरह की झूठ नहीं बोलना चाहिए। इससे भगवान नाराज़ हो सकते हैं।
- इस दिन नॉनवेज यानी मांस -मदिरा नहीं खाना चाहिए।
- इस दिन किसी का दिल न दुखाएं और न ही किसी को भला बुरा कहें अगर आप ऐसा करते हैं तो यमराज रुष्ट हो सकते हैं।
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भाई दूज के दिन गलतियां बिल्कुल न करें इससे मृत्यु के देवता यमराज नाराज हो जाते हैं।
रक्षाबंधन और भाई दूज में अंतर:-
- हिंदू धर्म के अनुसार रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को तो वहीं भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है।
- भाई दूज की शुरुआत यमराज द्वारा हुई थी। यही कारण है कि भाई दूज को यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है।तो, वहीं माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण, इंद्र देव और राजा बली ने रक्षाबंधन की शुरुआत की थी। युद्ध में जाने से पहले बहनों ने राखी बांधकर उनकी जीत की कामना की थी।
- भाई दूज के दिन भाई अपने बहन के घर जाता है, तो वहीं रक्षाबंधन के दिन बहन भाई के घर जाकर ये त्योहार मनाती है।
- भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर आरती करती हैं और उनके लिए मनपसंद खाना बनाती हैं। रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। इसके बाद मिठाई खिलाती हैं।